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    चार धाम यात्रा के अन्तर्गत “क्या करें” एवं “क्या न करें”


    चार धाम में वाहन संचालन हेतु अन्य राज्यों के वाहनों को ग्रीन कार्ड जारी किए जाने के सम्बन्ध में निर्देश


    चारधाम यात्रा के अंतर्गत पहाड़ी मार्गों पर यात्रा करने के अन्तर्गत क्या करें और क्या न करें

    क्या करें क्या न करें
    1- 4225 मिमी से अधिक व्हीलबेस, 2500 मिमी से अधिक की कुल चौड़ाई और साठ प्रतिशत से अधिक ओवरहैंग वाले मोटर वाहनों को पर्वतीय यात्रा मार्गों पर धार्मिक यात्राओं के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी। (देहरादून-मसूरी मार्ग को छोड़कर जहां व्हीलबेस 4963 मिमी हो सकता है।) 1-गैर परिवहन वाहनों को किराये या पारिश्रमिक पर यात्रियों को ले जाने की अनुमति नहीं है, इसलिए ऐसे अनधिकृत वाहनों में यात्रा न करें।
    2- पहाड़ी मार्गों पर केवल अनुभवी एवं कुशल चालक ही वाहन चलाएं। 2- वाहन को किसी अनुभवहीन व्यक्ति या चालक के सहायक या ऐसे व्यक्ति द्वारा नहीं चलाया जाना चाहिए जिसके पास सम्बन्धित श्रेणी का वाहन चलाने का वैध लाइसेंस न हो।
    3- चालक के पास वाहन में यात्रा करने वाले यात्रियों की सूची होगी। 3- पहाड़ी मार्गों पर सुबह 5 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद वाहन न चलाएं।
    4- नीचे की ओर जाने वाले मोटर वाहन का चालक ऊपर की ओर आने रहे वाहन को रास्ता दिया जायेगा। 4- पहाड़ी मार्गों में तीव्र ढलान होती है तथा उनमें अनेक मोड़ एवं घुमाव होते हैं, इसलिए वाहन को निर्धारित गति से तेज न चलाएं।
    5- वाहन में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स और लकड़ी का चॉक रखा जाएगा। 5- रबर की चप्पल पहनकर गाड़ी न चलाएं। गाड़ी चलाते समय जूते पहनें।
    6- वाहन तकनीकी रूप से पहाड़ी मार्गों के लिए उपयुक्त होना चाहिए; विशेषकर ब्रेक, स्टीयरिंग, पहिया, इंजन ऑयल, कूलेंट, बैटरी और टायर का स्तर पहले से जांचना और इन्हें व्यवस्थित रखना आवश्यक है। 6- कोई भी चालक एक दिन में आठ घंटे से अधिक वाहन चलाने का कार्य नहीं करेगा।
    7- वाहन मरम्मत के दौरान असली पार्ट्स का उपयोग करना उचित है, तथा वाहन की मरम्मत केवल तकनीकी रूप से कुशल व्यक्तियों द्वारा ही की जानी चाहिए। 7- इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि वाहन को शराब या किसी नशे के प्रभाव में कोई व्यक्ति न चला रहा हो।
    8- चालक को वाहन से संबंधित सभी वैध दस्तावेज (आरसी, बीमा, आदि) और चालक को (डीएल, आईडी प्रूफ, आदि) अपने पास रखना चाहिए। 8- चालक को चलती गाड़ी में म्यूजिक सिस्टम/रेडियो/मोबाइल आदि का उपयोग नहीं चलाना चाहिए।
    9- वाहन के पिछले भाग पर बैकलाइट्स एवं स्टॉपलाइट्स (कार्यशील स्थिति में) लगाई जानी चाहिए। 9- निर्धारित सीमा से अधिक यात्रियों या माल को लादने से सख्ती से बचना चाहिए।
    10- प्रत्येक चालक को समय-समय पर नेत्र परीक्षण कराना चाहिए। 10- किसी व्यक्ति को मालवाहक वाहनों जैसे ट्रक, यूटिलिटी वैन आदि में यात्रा नहीं करनी चाहिए।
    11- धार्मिक यात्रा पर जाने से पहले प्रत्येक सार्वजनिक सेवा वाहन को उत्तराखंड के किसी भी नजदीकी परिवहन कार्यालय से “ग्रीन कार्ड” प्राप्त करना अनिवार्य है। यह वाहन के निरीक्षण के बाद जारी किया जाता है और यह उसके फिटनेस प्रमाण पत्र, रूट परमिट, कर जमा प्रमाण पत्र, बीमा प्रमाण पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस का समेकित विवरण होता है। 11- पहाड़ी सड़कों पर पुनः उपचारित टायरों का उपयोग न करने की सलाह दी जाती है।
    12- पहाड़ी मार्गों पर मोड़ों और घुमावों पर हमेशा हॉर्न का प्रयोग करें। 12- 12- अपने वाहन में चकाचौंध करने वाली हेडलाइट का प्रयोग न करें
    13- वाहन पार्क करते समय हमेशा हैंड ब्रेक लगाएं। 13- आगे चल रहे वाहन से पास लिए बिना ओवरटेक न करें। ओवरटेक करने वाले वाहन को कभी भी ओवरटेक न करें।
    14- पर्यटक बसों में आपातकालीन द्वार होना अनिवार्य हैं। 14- वाहन में ज्वलनशील सामान या सामग्री जैसे केरोसीन/गैस/पेट्रोल/डीजल कदापि न रखें।